लोगों की राय

अमर चित्र कथा हिन्दी >> जातक कथाएँ - कंजूसों की कहानियाँ

जातक कथाएँ - कंजूसों की कहानियाँ

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1904
आईएसबीएन :1234567890123

Like this Hindi book 0

जातक कथाएँ - कंजूसों की कहानियाँ

जीव जन्मता है, मरता है। फिर जन्मता है, फिर मरता है। हिंदुओं की मान्यता है कि आवागमन का यह चक निरंतर चलता रहता है। भगवान बुद्ध भी इस चक्र से बचे नहीं। अनेक बार बोधिसत्व के रूप में जन्म लेने के बाद ही उन्हें वह जीवन मिला जिसमें ज्ञान प्राप्त कर के वे बुद्ध कहलाये।

बोधिसत्व ने मानव, वानर, मृग, हाथी तथा सिंह और अनेक योनियों में जन्म लिया था। हर रूप और हर जन्म में उन्होंने संसार को न्याय और दया का उपदेश दिया। सम्यक विचार और सम्यक जीवन के उनके ये उपदेश जातक कथाओं में संग्रहीत हैं।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book